Header Ads

A memory of Mohammad Rafi by Vedika Tripathi


मोहम्मद रफ़ी की याद ...
वेदिका त्रिपाठीमुंबई से
मोहम्मद रफ़ी की 31 जुलाई को पुण्यतिथि है. इसे रफ़ी की गायकी का चमत्कार ही माना जाए कि उन्हें अब भी उसी शिद्दत से याद किया और सुना जाता है जैसे उनका बिछड़ना अभी कल की ही बात हो.
कई लोगों का मानना है कि उनके जैसा गायक कलाकार न ही कोई पैदा हुआ है और न होगा.
सुख के सब साथी..., जो वादा किया वो..., लिखे जो ख़त तुझे..., मेरे महबूब कहीं... जैसे अनेक गाने हैं जिन्हें मोहम्मद रफ़ी ने अपनी आवाज़ से सजाया और लोग उनकी आवाज़ के दीवाने हो गए.
फ़िल्म इंडस्ट्री की बात करें तो शायद ही कोई ऐसा होगा या रहा होगा जो रफ़ी साहब के साथ काम करने के लिए उत्साहित न हुआ हो. कई गायकों को तो वो सामने लाए थे.
रफ़ी साहब को अपना आदर्श मानने वाले सोनू निगम ने एक बातचीत के दौरान कहा था कि “रफ़ी साहब मेरे लिए एक संदेश थे. वो भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी याद सदा हमारे दिल में बसी रहेगी.”
उनकी पुण्यतिथि के मौक़े पर हमने बात की उनके कुछ क़रीबी लोगों से जो आज भी उनकी याद आने पर अपनी आंखों को नम होने से अपने आपको नहीं रोक पाते हैं.
रवींन्द्र जैन
गीतकार– संगीतकार रवीन्द्र जैन से जब हमने मोहम्मद रफ़ी के बारे में पूछा तो दो मिनट तक उन्होंने कुछ सोचने की कोशिश की और झट से ये लाइनें हमें सुना दी.
मैं तो उन्हें कभी भूल ही नहीं सकता हूं. मैं खुदा से दुआ करूंगा कि फिर कोई रफ़ी पैदा करे ताकि लोग ऐसे महान फनकार की कलाकारी फिर देख सकें

रवीन्द्र जैन
31 जुलाई दे गई आंखों को हमेशा के लिए रूलाईकहना मुश्किल है कि इंसान अच्छे थे या फनकारआज ही के दिन ली अंतिम विदाई हमसेनहीं देखा इतना हुजूम किसी के ज़नाज़े के साथखामोशी से चल रहे थे सब इबादत के साथ.
रवीन्द्र जैन का कहना था,“ मैं तो उन्हें कभी भूल ही नहीं सकता हूं. मैं खुदा से दुआ करूंगा कि फिर कोई रफ़ी पैदा करे ताकि लोग ऐसे महान फनकार की कलाकारी फिर देख सकें.”
उनका कहना था,“ वो अच्छे गायक होने के साथ ही बहुत ही अच्छे इंसान थे.मेरी पहली फ़िल्म ‘कांच और हीरा’ के गाने को रफ़ी साहब ने अपनी आवाज़ से संवारा था.”
मोहम्मद अज़ीज
बचपन से ही मोहम्मद रफ़ी के गाने गाकर बडे़ हुए गायक मोहम्मद अज़ीज का कहना था, “आमतौर पर ज़्यादा काम करने से आवाज़ की सफ़ाई, मासूमियत खत्म हो जाती है. लेकिन रफ़ी साहब के 40-45 साल तक काम करने पर भी वही मासूमियत सुनने को मिलती थी.”
मैं बचपन से उनका बहुत कद्रदान रहा हूं और इससे बडी बात क्या हो सकती है कि अपने गाए 60 गाने मुझे भले ही याद न हों लेकिन रफ़ी साहब के छह हज़ार गाने मुझे याद हैं

मोहम्मद अज़ीज
अज़ीज आगे कहते हैं, “मैं बचपन से उनका बहुत कद्रदान रहा हूं और इससे बड़ी बात क्या हो सकती है कि अपने गाए 60 गाने मुझे भले ही याद न हों लेकिन रफ़ी साहब के छह हज़ार गाने मुझे याद हैं.”
वो कहते हैं,“मुझे यह कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं है कि मैं आज जो कुछ भी हूँ, वह रफ़ी साहब की ही वजह से हूँ.”
महेंद्र कपूर
गायक महेन्द्र कपूर कहते है, “वो मेरे उस्ताद थे, मैं उन्हें भाईजान कहा करता था. उनसे अच्छा गायक कोई नहीं था. जितनी मेहनत उन्होंने की है इंडस्ट्री में शायद ही किसी ने की होगी.”
उन्होंने अपनी लोहे की आवाज़ को नरम कर दिया था. कभी उन्हें अपनी आवाज़ पर घमंड नहीं हुआ बल्कि वो हमेशा इसे मालिक की मेहरबानी कहा करते थे

महेंद्र कपूर
वो कहते हैं,“ उन्होंने अपनी लोहे की आवाज़ को नरम कर दिया था. कभी उन्हें अपनी आवाज़ पर घमंड नहीं हुआ बल्कि वो हमेशा इसे मालिक की मेहरबानी कहा करते थे. इतने बड़े कलाकार होकर भी हमेशा झुके रहते थे.”
महेंद्र कपूर का मानना है, “जिस तरह से एक बेटा अपने पिता को याद करता है उसी तरह वो भी मेरे मन में समाए हैं. मैं आज जो कुछ भी हूं, उनकी वजह से हूँ.मैं हमेशा उनका शुक्रगुजार रहूँगा.”

3 comments

A S MURTY said...

A lovely write up on Rafi Sahab. Kudos. I would also like this article to be on my blog, but with you permission. I could have copied and pasted it, but I thought you should allow me to do so first. Please let me know if I can do that. My email is rafimurty@gmail.com and blog is : http://rafimurty.blogspot.com/

Thanks.

A S MURTY said...

A lovely write up on Rafi Sahab. Kudos. I would also like this article to be on my blog, but with you permission. I could have copied and pasted it, but I thought you should allow me to do so first. Please let me know if I can do that. My email is rafimurty@gmail.com and blog is : http://rafimurty.blogspot.com/

Thanks.

A S MURTY said...

A lovely write up on Rafi Sahab. Kudos. I would also like this article to be on my blog, but with you permission. I could have copied and pasted it, but I thought you should allow me to do so first. Please let me know if I can do that. My email is rafimurty@gmail.com and blog is : http://rafimurty.blogspot.com/

Thanks.

Powered by Blogger.